लालगंज (आजमगढ़ )
लालगंज तहसील क्षेत्र के सबसे बड़े किसान , क्षेत्र मे शिक्षा की अलख जगाने वाले लहुवां गांव निवासी श्यामसुंदर सिंह अब हम लोगों के बीच नहीं रहे। उनका वाराणसी के एक अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार को निधन हो गया। मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया। श्यामसुन्दर के निधन की सूचना मिलते ही गांव सहित आस पास के लोगो ने उनके घर पहुंचकर संवेदना व्यक्त किया । जात अवसर पर पूर्व प्राचार्य सत्येन्द्र सिंह , पूर्व प्रधानाचार्य ओम प्रकाश सिंह , पूर्व प्रधानाचार्य श्री गणेश राय इण्टर कालेज डोभी जौनपुर जितेन्द्र सिंह , पूर्व प्रधानाचार्य डोभी राम अवतार सिंह , पूर्व महेन्द्रनाथ सिंह , डा0 सत्यप्रिय सिंह , प्रभात कुमार सिंह , नरेन्द सिंह , पदमनाथ सिंह , प्रमोद सिंह पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा प्रेमनाथ सिंह , रामनयन सिंह , सुनील सिंह डब्बू सहित अन्य लोग रहे । पूर्व प्रधानाचार्य ओमप्रकाश सिंह ने बताया हम लोगो के बीच से इनका चला जाना अत्यन्त दुःखद है। उनकी मृत्यु से क्षेत्र के सभी वर्ग के लोग मर्माहत हैं। वर्ष 1971 मे श्यामसुन्दर सिंह के प्रधानाचार्य कार्यकाल मे हाईस्कूल की मान्यता मिली , मान्यता का मानक पूर्ण करने के लिए भवन व पुस्तकालय सहित अन्य मानक पूर्ण करने मे पूर्व प्रधानाचार्य का बडा योगदान रहा है।
लालगंज तहसील के लहुवां गांव की पूरे जिले में एक अलग पहचान रही है। लहुवां गांव के पूर्व सांसद स्व0 कालिका सिंह , पूर्व विधायक स्व0 श्रीप्रकाश सिंह उर्फ ज्ञानू , वर्तमान में पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह सहित महान लोगों के बीच एक नाम श्यामसुंदर सिंह का भी रहा है। वे गांव में स्थित श्री भवनाथ हाई स्कूल लहुवां के प्रधानाचार्य रहे। दो भाईयों में श्यामसुंदर सिंह बड़े थे। इनके छोटे भाई जयप्रकाश सिंह उर्फ जेपी सिंह दीवानी न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता की सूची में शामिल हैं । जेपी सिंह ने बताया कि भाई साहब को बचपन से ही सामाजिक कार्यों में विशेष रुचि थी। लोगों की अपने स्तर से हर संभव मदद करते थे। लोगों को शिक्षित होने पर जोर देते थे। जेपी सिंह ने बताया कि उम्र अधिक होने के साथ ही उनकी तबियत खराब होने लगी । पहले से वाराणसी के एक निजी डाक्टर से इलाज चल रहा था। मृत्यु के चार दिन पूर्व तबियत खराब होने के वाराणसी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था । जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी । वे अपना भरापुरा परिवार छोड़ गये। श्यामसुंदर सिंह की मृत्यु से शिक्षक वर्ग सहित अन्य लोग मर्माहत हैं।