हमारे गाँव लालगंज विकास खंड के ग्राम सभा बैरीडीह में एक ऐसा व्यक्ति है, जिसने गाँव की स्वच्छता के लिए एक अनुकरणीय काम किया है। ताहिर शेख आज़मी.. उनके इस काम की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है, क्योंकि उन्होंने गाँव की स्वच्छता के लिए एक ऐसा प्रयास किया है, जो वास्तव में अद्वितीय है।
कुछ लोगों का मानना है कि ताहिर भाई का यह काम राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित है, लेकिन हमें लगता है कि उनके इस काम की तारीफ करना आवश्यक है, चाहे उनके पीछे का उद्देश्य कुछ भी हो। आखिर वो चुनाव लड़ना भी चाहते हैं तो इसमें गलत क्या है ? बहुत से लोग तो गांव के लिए बिना कुछ किए ही प्रधानी के दावेदार बन जाते हैं ,तो एक बंदा पहले ही अपने निजी खर्च से लाखों के खर्च पे गांव के विकास और साफ सुथराई पे अगर मेहनत कर रह रहा है तो इसमें बुरा ही क्या है?
ये लोकतंत्र है ,इसमें सबको इलेक्शन लड़ने का हक है, सो अगर वो भी अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं तो, आजमाने दीजिए।
ताहिर भाई ने गाँव की स्वच्छता के लिए एक अभियान चलाया है, जिससे स्वच्छता में बहुत सुधार हुआ है। सड़कें और गलियाँ अब काफी साफ-सुथरी हैं।
उनकी यह पहल गाँव के निवासियों के लिए एक प्रेरणा होनी चाहिए,
हमारा मानना है कि जब कोई व्यक्ति समाज के लिए कुछ अच्छा करता है, तो हमें उसकी तारीफ करनी चाहिए, न कि उसके पीछे के उद्देश्यों को देखना चाहिए।
हम ताहिर भाई से उम्मीद करते हैं कि वे अपने इस काम को आगे भी जारी रखें, आलोचनाएं होती रहती हैं आखिर गांव साफ सुथरा रहेगा तो इसमें सबका फायदा है । ताहिर भाई की जगह पे कोई भी इस तरह के काम करना चाहे तो कर सकता है, उसका सबको स्वागत करना चाहिए । ऐसे जिम्मेदार लोग जो गांव के लिए कुछ करने की हैसियत रखते हैं ,वो आगे आएं, चाहे वो छोटा सा काम ही क्यों न हो ,जिससे समाज और गांव का भला होता हो, उसको करने में पीछे नहीं रहना चाहिए , और जो कर रहा है उसकी आलोचना करने से अच्छा है उनको सपोर्ट करें और वो भी नहीं कर सकते तो कम से कम खामोश रहें ,एक बंदा अपना रुपया पैसा लगा कर ,अपना समय लगा कर हम सब के लिए अगर कुछ कर रहा है तो पता नहीं कौन सी जलन और हसद है जो हमें किसी के अच्छे काम की तारीफ करने से रोक देती है??
इसी तरह डॉ० शाहनवाज भाई गांव के बच्चों की दीनी तालीम के लिए सिर तोड़ मेहनत कर रहे हैं, उनकी भी आलोचना करने से लोग पीछे नहीं रह रहे हैं ,भैया ,आपके आपसी इख़्तेलाफ़अत अपनी जगह , इतनी तो दिल में गुंजाइश रखो कि कम से कम अगले बंदे के काम की तारीफ ना कर पा रहे हो हो तो बुराई भी मत करो गांव साफ सुथरा और देखने में अच्छा लगता है तो बाहर से आने वालों पे अच्छा असर पड़ता है ,गांव की तारीफ होगी तो सबकी तारीफ मानी जाएगी । मैंने ऐसे गांव भी देखें हैं जहां पे नालियां खुली हुई है,जगह जगह कूड़ा करकट बिखरा हुआ होता है, बाहर से आने वाला बोल ही देता है ” कैसा गांव है यार ” !!!..
इस लिए अच्छे काम का समर्थन करें चाहे वो आपकी तरफ का बंदा हो या विरोधी टीम का ।
धन्यवाद
✍️ डॉ ० मिर्जा आदिल बेग