यूपी : विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले ही उत्तरप्रदेश में बिजली संकट गहरा गया है। यहां बिजली संकट गहराने से ग्रामीण क्षेत्रों में 7 से 8 घंटे तक की कटौती की जा रही है। यह कटौती ऐसे समय में की जा रही है जब नवरात्रि का पर्व चल रहा है। दशहरे का त्यौहार आने वाला है। दीपावली भी सन्निकट है। बिजली संकट गहराने की वजह कोयले की कमी होना बताया जा रहा है। जानकारी मिली है कि कोयले की कमी से यूपी में 8 पावर प्लांट बंद हो गये है।
यह पावर प्लांट बंद हुए
ललितपुर यूनिट-2 660 मेगावाट
ललितपुर यूनिट-3 660 मेगावाट
रोजा यूनिट-2 300 मेगावाट
ऊंचाहार यूनिट-6 190 मेगावाट
हरदुआगंज यूनिट-9 250 मेगावाट
पारीछा यूनिट-4 210 मेगावाट
पारीछा यूनिट- 5250 मेगावाट
हरदुआगंज यूनिट- 7105 मेगावाट
राज्य विद्युत उपभोक्ता फोरम के चेयरमैन अवधेश वर्मा का कहना है कि बिजली संकट के कारण 7 से 8 घंटे तक की कटौती की जा रही है।
यह संकट जल्द हल होता दिखाई नहीं दे रहा है। सूत्रों के मुताबिक तमाम कोशिशों के बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है।
बिजली की स्थिति एक नजर में
मांग- 21000 मेगावट
उपलब्धता- 17000 मेगावाट
कमी- 4000 मेगावाट
4000 मेगावाट बिजली की कमी का सबसे अधिक प्रभाव पूर्वांचल और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड पर है।
तकनीकी कारणों से छह और पावर प्लांट बंद पड़े
यह भी जानकारी मिली है कि कोयले की कमी से बंद 8 पावर प्लांटों के अलावा 6 अन्य पावर प्लांट भी बंद पड़े हैं। इसका कारण तकनीकी खामी बताया जा रहा है। इस तरह से प्रदेश में 14 पावर प्लांट बंद चल रहे हैं।
अगर कोयले की कमी को दूर कर आठ पावर प्लांटों को चालू किया गया तो 2700 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। ऐसे में कटौती की अवधि कम हो जाएगी।