जॉर्डन कोरोना की पहली और दूसरी लहर में कई देशों में हजारों की संख्या में मौतें हुईं. भारत की तरह जॉर्डन भी इसमें से एक था. जॉर्डन को लेकर अभी खबर है की यहां एक अदालत ने पांच वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को रविवार को राज्य के एक बड़े अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के बाद 10 कोविड -19 रोगियों की मौत के लिए तीन साल जेल की सजा सुनाई है राज्य की मीडिया ने ये जानकारी दी है.
रॉयटर्स की खबर के अनुसार मीडिया ने कहा कि अदालत ने राजधानी के पश्चिम में एक शहर साल्ट में राजकीय अस्पताल के पूर्व निदेशक और उनके चार वरिष्ठ सहयोगियों को इन 10 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार पाया. अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों की मार्च में मौत हो गई थी. यहां एक COVID-19 वार्ड में लगभग एक घंटे तक ऑक्सीजन खत्म रहने के बाद कर्मचारी कार्रवाई करने में विफल रहे.
स्वास्थ्य मंत्री नाथिर ओबेदत ने दिया था इस्तीफा
राजनेताओं और स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कहा कि COVID-19 संक्रमणों में स्पाइक के दौरान राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली में बड़ी लापरवाही उजागर हुई. इसको लेकर कई शहरों और प्रांतीय शहरों में सरकार विरोधी प्रदर्शन किए गए. स्वास्थ्य मंत्री नाथिर ओबेदत ने घटना के कुछ घंटों बाद इस्तीफा दे दिया और एक सार्वजनिक माफी में प्रधानमंत्री बिशर अल खासावनेह ने कहा कि उनकी सरकार ने इस सब के लिए पूरी जिम्मेदारी ली है.
10 मौतों पर हुआ था खूब प्रदर्शन
मौतों के तुरंत बाद, किंग अब्दुल्ला ने अस्पताल का दौरा किया और अस्पताल के गलियारे में स्वास्थ्य अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से डांटा. यहां सैकड़ों नाराज रिश्तेदारों और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को तैनात किया गया था. ये लोग परिसर को घेर रहे थे. शाही यात्रा का उद्देश्य एक ऐसे देश में तनाव को कम करना था जहां अतीत में अधिकारियों के साथ गुस्से ने व्यापक नागरिक अशांति पैदा की थी.
बर्खास्त हुए थे अस्पताल के कई अधिकारी
घटना के बाद से, अधिकारियों ने कुप्रबंधन और कथित भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के अभियान में राज्य के अस्पतालों के कई अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है. इसने योग्य कर्मचारियों की कमी का सामना करने वाले सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने और भर्ती करने के लिए करोड़ों डॉलर खर्च किए है